Sunday, December 12, 2010

Ramudev Baba

''कोई तो मुझे रामूदेव बाबा बनाओं ......!''
लेख:- रामकिशोर पंवार  ''रोंढ़ा वाला''
मुझे अब पता लग रहा है कि बाबा बनने का कितना फायदा होता है. टी वी चैनलो पर  बाबा के प्रवचन - भजन - कीर्तन - दर्शन के फायदे इतने होते कि बाबा लोगो की चांदी हो जाती है. कल का चोर - उच्चका - डाकु - लूटेरा - बलात्कारी - दुराचारी अपनी पति द्धारा कभी स्वामी के रूप में नहीं स्वीकारा गया व्यक्ति थोड़े से रास्ते परिवर्तन के बाद जगत स्वामी हो जाता है. नेशनल से लेकर वह इंटरनेशनल हो जाता है. ओशो की तरह महान और स्वामी इच्छाधारी की तरह पहचान बना लेता है. योग से भोग और फिर संभोग से समाधी तक का शार्टकट रास्ता दिखाने वाला महान दार्शनिक ओशो की तरह वह भी अमेरिका जैसे शहरो में स्वंय का शहर - नगर - महानगर बसा सकता है. बस करना क्या है यह कोई नहीं बताता लेकिन सभी बाबाओं के जलवे देख कर मन में यही तराना गुंजने लगता है कि  ''हर तरफ मेरा ही जलवा ......!'' अब बाबा बनने का एक फायदा यह होता है कि मोदी से लेकर लेकर शिवराज तक पैरो के नीचे बैठे कहते रहते है कि ''बाबा जी हमारे लायक कोई सेवा हो तो एक बार हमें भी आपकी सेवा का मौका तो दीजिए......!'' मुख्यमंत्री से लेकर संत्री तक के साथ फोटो छपने के बाद यदि कोई स्कैण्डल में फंस भी गये तो मंत्री से लेकर संत्री तक स्वंय अपने को बचाने के चक्कर में आपको झुठा फंसाने का तराना तो जरूर गायेगें. देश में बाबा बनने की तरकीब अच्छी है. इससे आपके पचास फायदे है लेकिन जो पक्के है उनमे पहला नाई का खर्चा बचेगा. दुसरा साबुन और शैम्पू से नहाने का खर्च बचेगा. तीसरा मंहगे कपड़ो का खर्चा बचेगा. चौथा आने - जाने के किराये का खर्चा बचेगा. पांचवा खाने और पीने का भी खर्चा बचेगा. गोबर की या फिर शमशान की राख को शरीर में लगाने से बाबा बनने की पहली राह आसान हो जायेगी. मैने एक पुस्तक में पढ़ा था कि सफल ज्योतिषी कैसे बने...? उस किताब की तरकीब बाबा बनने पर अचमाई जा सकती है. जैसे कोई भक्त आपके पास आकर सवाल करता है कि ''बाबा मेरे घर लड़का होगा की लड़की ......!'' उसे यदि लड़का बताया तो अपने पास की डायरी में लड़की लिखो यदि वह आकर कहता है कि ''बाबा आपने झुठ बोला था , मेरे घर तो लड़की हुई है ......!'' तब उसे गालियां देकर दुत्कार कर - फटकार कर यह कहो कि ''मूर्ख बाबा को झुठा साबित करता है , देख मैने अपने चेले से इस डायरी में तेरे नाम के आगे क्या लिखा था.....!'' कुछ दिनो बाद तो आप कहो कुछ और लिखो कुछ के चलते इतनी प्रसिद्धी पा जाओगें कि लोगो की आपके दरबार में कतारे लगना शुरू हो जायेगी. पहले पैदलछाप आया करते थे कुछ दिनो और महिनो बाद हवाई जहाज आना शुरू हो जायेगा. बाबा बनने का एक यह भी है कि बाबा के पास खाने और पीने की कोई कमी नहीं रहेगी. पीने के पानी को तरसने वाले बाबा के पास मिनरल वाटर होगी साथ में फलो का और फूलो का जुस भी जिसको पीने के बाद बाबा में वह ताकत और फूर्ति आ जायेगी कि वह रामदेव से लेकर कामदेव से भी अधिक कलाबाजी दिखा पायेगा. मुझे हर हाल में बाबा बनना है. बाबा बनने से परिवार की जवाबदारी से भी छुटकारा मिल जायेगा. बीबी से लेकर टी वी तक की वहीं घिसी - पिटी किस्से कहानियों से भी छुटकारा मिल जायेगा. बाबा बनने के लिए मैने सोचा है कि मैं अपने शहर के बाहर से चार - पांच मेरी तरह के चतुर - चालक लोगो को अनुबंध पर लेकर आ जाऊ ताकि वे शहर और गांव में जाकर मेरी कीर्ति और यश का गान कर सके. दो चार टुर्चे टाइप के भूखे - नंगे पत्रकारो और टी वी चैनलो के रिर्पोटरो और कैमरामेनो को भी अपनी गिरोटी में शामिल करने से एक फायदा मिलेगा कि वे लोग मुझे भी कुंजीलाल और बिरजू की तरह हाईलाइट कर देगें. ऐसा करने से मेरी लोकप्रियता की टी आर पी भी बढ़ेगी और मैं भी सफेद उल्लू की तरह भगवान श्री हरि विष्णु के वाहन गरूड़ महाराज की तरह पूजा जाऊंगा. जिस रामू को अब तक कोई घास नहीं डालता था उसके पास तक पहुंचने वालो की आस ही मुझे श्री श्री एक हजार चार सौ बीस रामूदेव बाबा का दर्जा दिला देगी. जिस देश में आज भी असली की जगह नकली को पूला जाता है. स्थिति तो यह तक है कि इस देश में जगतगुरू शंकराचार्य तक नकली हो सकते है तब मेरे रामूदेव बाबा बनने की राह में कौन हरामी की लाल रोड़ा अटका पायेगा. बाबा बनने के फायदे को देख कर मै सोच रहा हँू कि वन विभाग की किसी पहाड़ी पर अतिक्रमण करके एक आश्रम बना लेता हँू. आश्रम ऐसी जगह पर हो कि लोगो को आने और जाने में आसानी हो इसलिए मैं सोचता हँू कि सेन्टर पाइंट बरसाली की पहाड़ी सबसे अच्दी रहेगी. इसका आगे चल कर फायदा यह होगा कि सेन्टर पाइंट बरसाली रेल्वे स्टेशन माडल स्टेशन बन जायेगा और फिर राजधानी से लेकर शताब्दी एक्सप्रेस तक रूका करेगा. बाबा होने के कारण मेरे चेले चपाटो में ऐसे हाई - फाई लोग जुड़ जायेगे कि उनके हवाई जहाजो की लेडिंग के लिए एक हाई प्रोफाइल हवाई पटट्ी भी बन जायेगी. कुछ दिनो तक लोकल चैनल पर चाचा से मिल कर अपना लाइव टेलिकास्ट करवाने के बाद खुद का ही रामूदेव बाबा चैनल शुरू कर देगें. दिन भर अपने उल्टे - सीधे आलेखो व्यंग को ही अपने प्रवचनो का आधार बना कर लोगो को नित्य नई अपनी काल्पनिक कथाओं के गहरे सागर में गोते लगवायेगें. वैसे भी मेरी बीबी से लेकर बच्चे तक मुझे मेरे यार - दोस्तो की तरह फेकोलाजी का मास्टर मान चुके है.मै फेकने में इतना मास्टर मांइड हँू कि मेरे सामने कोई भी बाबा और बाबी टिक नहीं पायेगें. मेरे बाबा बनने की राह मेरी टांग टुटने के बाद और भी आसान हो गई है क्योकि अब तो घुमना - फिरना - मोटर साइकिल चलाना संभव नहीं है ऐसे में कमाई का सबसे अच्छा तरीका रामू बाबा बनने से कोई दुसरा दिखाई नहीं देता. बाबा बनने के बाद मेरे जिले के कलैक्टर कार्यालय का लखन काका मुझे भाव नहीं देता उसी  लखन काका से बड़े कई लोग अपने आला अफसरो के साथ कतार में खड़े होकर मुझे भाव देने के लिए मरे जायेगें. मेरा दिन प्रतिदिन भाव भी बढ़ता जायेगा. मेरे फिर कोठी बाजार से लेकर रिलायंस के बिग बाजार में तक में आसमान को छुते भाव स्क्रीन पर नज़र आयेगें. उन बाजारो में मेरी फोटो से लेकर चरण पादुका तक बेभाव बिकेगी . इस तरह मैं रातो रात महान बन जाऊंगा क्योकि बुर्जग लोग कहते है कि राई के भाव रात में ही बढ़ते है. मैं भी तो राई नहीं रामू भाई हँू इस बात में कोई दो मत नहीं लेकिन मुझे कोई रामूदेव बाबा न बनाये . आज नहीं तो कल मैं अपने गांव से लेकर वाशिंगटन तक का सर्वाधिक खुलने वाली बेवसाइट की तरह लोकप्रिय - जनप्रिय बाबा बन जाऊंगा लेकिन कोई तो मुझे भी आसाराम - रामदेव - कामदेव की तरह बाबा बनाये.  भैया लोग याद रखना कहीं गलती से मुझे शैलेन्द्र बाबा ना बना देना ...? वरणा मुझे लोग भाजपा का मीडिया प्रभारी समझ कर मुझे ही नोचने - खरोचने लग जायेगें. वह तो भला हो शैलेन्द्र बाबा की हिम्मत का जिसकी दाद देनी चाहिये कि वह इतने सारे अपनी बिरादरी के लोगो को झेल पाते है. मेरा इस समय बाबा बनने का टाइम भी सही है क्योकि गर्मी पडऩे के बाद लोग ठंडे स्थान पर चले जाते है. ऐसे में बरसाली की पहाडिय़ा सबसे ठंडी है. बरसात में उस स्थान पर शानदार झरना है इसलिए पर्यटन की दृष्टि से यह स्थान सबसे बढिय़ा स्थान रहेगा. मैं अपने लोगो से बार - बार यही कहता हँू कि मुझे बाबा बनाओ , मुझे बाबा बनाओ ....?  बाबा बनने से मकान मालिक का किराया देने का , बिजली के बिल भरने का , पेपर छपवाने का , पेपर के लिए विज्ञापन मांगने का , होली - दशहरा साहब लोगो से भीख मांगने का , लिफापा मांगने का चक्कर बच जायेगा. मेरे बाबा बनने से भाई लोगो का सबसे ज्यादा फायदा होगा क्योकि वे मेरे टेंशन में दिन प्रतिदिन और भी काले होते चले जा रहे है. उन्हे फिर किसी तंत्र - मंत्र क्रिया की जरूरत नहीं पड़ेगी और तो और उनके कोर्ट - कचहरी के चक्कर में जेल जाने का डर भी नही रहेगा. कोई यदि आगे नहीं आता है तो भाई लोगो को ही मुझे बाबा बनवा की तरकीब सोचना चाहिये. वैसे भी भाई लोग किसी को भी बाबा और दादा बनाने में एक्सपर्ट है. बाबा बनने के इतने सारे फायदे गिनाने के बाद कहीं ऐसा न हो कि मेरे से पहले भाई लोग ही बाबा बन जायें. वैसे देखा जाये तो बाबा बनने से जो मान - सम्मान मिलता है वहीं भीख मांगने से भी नहीं मिलता. बाबा बनने का एक सबसे बढिय़ा फायदा यह है कि अपनी भी सीडी वाले और इच्छाधारी बाबा की तरह लाटरी लग जायेगी. पांच सौ तो नहीं पर चार - पांच तो अपनी भी सेवा चाकरी में लगी रहेगी लेकिन बाबा बनने से पहले मुझे बार - बार इस बात का डर सता रहा है कि कहीं मेरी उन बाबाओं की तरह पुलिस और जनता ने कंबल कुटाई और सार्वजनिक धुलाई कर दी तो मेरी तो अभी एक टांग टूटी है बाद मे पता चला कि मैं जगह - जगह से टूट - फूट जाऊंगा और लोग मुझे टूटे - फूटे - खुब पिटे बाबा जी की तरह जानने - पहचानने लग जायेगें. बाबा बन कि नहीं यह सोच कर मन बार - बार कांप जाता है कि क्या करू क्या न करू.....? मेरी अंतरआत्मा से जब मैने इस बारे में सवाल किया तो उसने मुझे दुत्कार और बुरी तरह फटकारा वह कहने लगी कि ''जवाबदेही और जिम्मेदारी से मुँह मोड़ कर भागने वाला बाबा नहीं कायर - डरपोक इंसान होता है , परिवार और संघर्ष के साथ लडऩे वाला ही महान होता है. कई लोगो की जब हिम्मत टूट जाती है तो वे आत्महत्या कर लेते है. लेकिन तेरी टूटी टांग फिर जुड़ जायेगी लेकिन एक बार टूटी हिम्मत कभी नही जुड़ पायेगी. सहीं इंसान बनना है तो अपने परिवार - बीबी - बच्चो की जिम्मेदारी का वहन करो और अच्छे आदर्श पति -पिता बनने की कोशिस करो ताकि लोग आने वाले कल में तुम्हारी तारीफ कर सके कि इतने संघर्ष के बाद भी यह इंसान टूटा नहीं बल्कि सारे बवडंरो को झेलने के बाद भी आज भी पत्थर रूपी शिला की तरह टिका है. बाबा बनने से लोग यही कहेगें कि देखो बीबी - बच्चे पाल नहीं सका और बाबा बन गया डरपोक कही का ........!'' अंतरआत्मा की आवाज को सुनने के बाद मैने सोचा कि भगवान ने दो हाथ दिये है इसी से ऐसा कुछ लिखा जाये कि समाज में मेरी तरह कोई दुसरा बाबा बनने की हिमाकत न कर सके.

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